5 January 2018

NEW WORK STARTED BY GOVT #CURRENT AFFAIRS

NEW WORK STARTED BY GOVT
#CURRENT AFFAIRS

मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश में कृषि एवं ग्राम्य विकास के लिये किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से कृषकों को 02 प्रतिशत ब्याज पर एक लाख रूपये तक का ऋण उपलब्ध कराने हेतु "दीन दयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना" शुरू की गई है। अब तक लगभग एक लाख किसानों को सस्ता ऋण उपलब्ध कराया जा चुका है। प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये भी प्रभावी प्रयास किये जा रहे है। 13 जिलों में 13 नये पर्यटन गंतव्य बनाये जा रहे है। वर्ष 2017 में लगभग 22 लाख से अधिक पर्यटक चारधाम यात्रा में आये। प्रदेश में अधिक से अधिक पर्यटक आये इसके लिये केदारनाथ व बदरीनाथ के सौन्दर्यीकरण पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कोटद्वार में, कोटद्वार इको टूरिज्म सर्किट विकास एवं सफारी वाहनों का संचालन शुरू किया गया है। ऊर्जा के क्षेत्र में उत्तराखण्ड की लंबित 33 जल विद्युत परियोजनाओं के संचालन में केन्द्रीय ऊर्जा और जल संसाधन मंत्री द्वारा सकारात्मक सहयोग दिया जा रहा है। राज्य में 25000 मेगावाट विद्युत उत्सर्जन क्षमता है, किन्तु अभी हम 4000 मेगावाट का ही उत्पादन कर पा रहे है। उत्तराखण्ड को ऊर्जा प्रदेश बनाने के लिये हमारे प्रयास जारी है। L.E.D बल्बों का सभी सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालयों में उपयोग अनिवार्य किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रभावी पहल करते हुए राज्य के दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में "ई-हैल्थ सेंटर" की शुरूआत के लिये राज्य सरकार द्वारा देश की प्रमुख I.T. Company के साथ MOU किया गया। राज्य के 35 अस्पतालों में टेली रेडियोलाॅजी एवं टेली मेडिसिन योजना प्रारम्भ की गई है। सभी जिला चिकित्सालयों मे न्यूनतम 2 बैड के I.C.U. की स्थापना का निर्णय लिया गया है। बड़ी संख्या में डाक्टरों व नर्सों की तैनाती पर्वतीय क्षेत्रों में की जा रही है। जल संरक्षण के लिये देहरादून में रिस्पना नदी व अल्मोड़ा में कोसी नदी के पुनर्जीवीकरण हेतु अभियान प्रारंभ किया गया है। आगामी 5 वर्षों में हमने 5 हजार प्राकृतिक जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने का लक्ष्य रखा है। रिस्पना के पुनर्जीवीकरण के लिए एक दिन में उद्गम से संगम तक वृक्षारोपण और साफ-सफाई अभियान का भी हमारा लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कौशल विकास के क्षेत्र में आगामी तीन वर्षों में एक लाख से अधिक युवाओं को स्किल्ड बनाने की दिशा में हमने कदम बढ़ाये हैं। इसके लिये 02 आवासीय कौशल विकास केन्द्र स्थापित किये जा रहे है। उद्योगों की आवश्यकता के अनुसार आई०टी०आई० और पाॅलिटेक्निक में नये ट्रेड का प्रशिक्षण एवं राज्य कौशल योजना को पुनर्गठित कर, पण्डित दीन दयाल उपाध्याय राज्य कौशल योजना प्रारम्भ करने का निर्णय लिया गया है। राज्य में साॅफ्टवेयर टैक्नोलाॅजी पार्क आॅफ इण्डिया(STPI) की स्थापना के साथ ही प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत स्टेट कम्पोनेंट में देश का प्रथम प्रशिक्षण केन्द्र उत्तराखण्ड में शुरू हो गया है। राज्य में Central Insititute of Plastic Engg. & Tech. (सीपैट) तथा नेशनल फैशन टेक्नोलाॅजी संस्थान, के लिये भवन एवं भूमि चिन्हित कर अगले वर्ष से कक्षाओं की शुरूआत करने की योजना गतिमान है। उच्च शिक्षा के लिये #Haridwar में (NIELIT) नेशनल इन्स्टीटयूट आॅफ इलेक्ट्रोनिक्स एण्ड एनफाॅरमेशन सेन्टर, अल्मोड़ा में एन.आई.ई.एल.आई.टी. का सब सेन्टर तथा उत्तराखण्ड में हाॅस्पिटेलिटी यूनिवर्सिटी भी स्थापित की जा रही है। इसके अतिरिक्त सेन्ट्रल इंस्टीटयूट प्लास्टिक इंजीनियरिंग एण्ड टैक्नोलाॅजी(सीपैट) की भी प्रदेश में स्थापना की जा रही है।
सड़क एवं रेल परिवहन की मजबूती के साथ ही गढ़वाल एवं कुमाॅऊ को जोड़ने वाला कण्डी मार्ग का निर्माण सरकार की प्राथमिकता हैं। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल मार्ग, देवबन्द-रूड़की रेल मार्ग का निर्माण राज्य के विकास में और अधिक गति प्रदान करेगा। चारधाम आल वेदर रोड का कार्य प्रगति पर है, शहरी विकास के अन्तर्गत देहरादून को स्मार्ट सिटी एवं माॅडल सिटी बनाने की दिशा में कार्य आरम्भ किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में खुले में शौचमुक्त करने में उत्तराखण्ड देश का चौथा राज्य बन गया है। 2018 तक 92 शहरी निकायों को #ODF का हमारा लक्ष्य है। मार्च 2018 तक प्रधानमंत्री आवास योजना के एक लाख लक्ष्य के अनुपात में आवास निर्माण योजना पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश को प्रगतिशील बनाने के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे है

अच्छी चीज़ों से सीखना चाहिए लेकिन बात तो तब बनेगी जब हम भी करके दिखाएँ
अहमदाबाद में मुख्यमंत्री श्री Trivendra Singh Rawat ने काकड़िया झील का निरीक्षण किया। उन्होंने झील परिसर में पर्यटन विकास सेे सम्बंधित योजनाओं एवं अन्य गतिविधियों का मुख्य सचिव एवं पर्यटन सचिव के साथ स्थलीय निरीक्षण भी किया। उन्होंने काकड़िया झील की तरह #Uttarakhand की झीलों में भी पर्यटन विकास की सम्भावनायें तलाशे जाने के लिये कार्ययोजना बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिये।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड में पर्यटन विकास की अपार संभावनाएं हैं। उत्तराखण्ड पर्यटन के लिए प्रसिद्ध है, पर्यटन को और अधिक बढ़ावा देने के लिए नए प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सरकार की ग्रामीण पर्यटन व संस्कृति ग्राम जैसी योजना कारगर साबित हो सकती है, इसके माध्यम से पर्यटकों को उत्तराखण्ड की संस्कृति, सभ्यता और विशिष्टताओं के बारे में एक ही स्थान पर अधिक से अधिक जानकारी उपलब्ध हो सकेगी।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि काकड़िया गुजरात की सबसे बड़ी झील है जो 3 किलोमीटर की परिधि में फैली है। काकड़िया झील अहमदाबाद में काफी लोकप्रिय है तथा पर्यटकों के आकर्षण का भी केन्द्र है। इस झील में वर्तमान में, पर्यटकों के लिए एक एक्टीविटी सेंटर के तौर पर स्थापित किया गया है जहां कई प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध है। यहां बाल वाटिका है जो विशेष तौर पर बच्चों के लिए बनाई गई है। यहां एक बोट क्लब भी है जहां आकर पर्यटक, बोटिंग का लुफ्त भी उठा सकते है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने काकड़िया झील परिसर में प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi द्वारा स्थापित किड सिटी का भी अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि यहां पर बच्चों के कैरियर कौशल विकास की भी व्यवस्था बनाई गई है। बच्चे भविष्य में क्या बनना चाहेंगे, क्या कैरियर अपनाना चाहेंगे, इसकी भी तालीम की व्यवस्था है, इसके लिये यहां पर सम्बंधित विषयों के जानकार उपलब्ध रह कर बच्चों को उनके कैरियर चुनाव में मदद करते है, तथा उनकी जिज्ञासाओं का भी समाधान करते हैं। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने साबरमती रिवर फ्रंट में आयोजित फ्लावर शो का भी अवलोकन किया, इस फ्लावर शो में गुजरात के साथ ही राजस्थान, मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र के नर्सरी उत्पादकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। मुख्यमंत्री ने अपने भ्रमण के दौरान एशिया के सबसे बड़े रेपटाइल पार्क का भी अवलोकन किया तथा इसके रख रखाव आदि की जानकारी प्राप्त की।
झील के चारों ओर व आसपास स्थित टूरिस्ट स्पॉट के दर्शन कराने के लिए यहां अटल एक्सप्रेस नाम से टॉय ट्रेन भी संचालित की जाती है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने इस अवसर पर इस टाॅय ट्रेन की सवारी भी की। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य की झीलों आदि में इस प्रकार के प्रयोग बच्चों के लिये शिक्षाप्रद होने के साथ ही पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बन सकते है।
पर्यटकों को आकर्षित करने और यहां की संस्कृति के प्रचार प्रसार के लिए दिसंबर महीने के आखिरी सप्ताह में यहां काकड़िया कार्निवल मनाया जाता है। कार्निवल में कल्चरल, आर्ट और कई सोशल इवेंट्स होते हैं। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत इस कार्निवाल में भी सम्मिलित हुए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में टिहरी, नैनीताल, नानक सागर, कालागढ़ के साथ ही सूर्यधार झील परियोजना व सौंग बांध आदि का इसी लेक की तर्ज पर पर्यटन व अन्य गतिविधियों के लिये विकसित किया जा सकता है, इसके लिये विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के भी निर्देश उन्होंने दिये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड का नैसर्गिंक सौन्दर्य पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र रहा है। यहां की झीलों के साथ ही रमणीय बुग्यालों, ओली, मुनस्यारी के बर्फीले तल, चारधाम के अलावा अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों को भी देश व दुनिया के सामने लाने की जरूरत है। इस दिशा में यदि प्रभावी पहल की जाये तो उत्तराखण्ड पर्यटन प्रदेश बनने के साथ ही प्रदेश की आर्थिकी का भी मजबूत आधार बन सकता है। इसी दिशा में प्रदेश के 13 जनपदों में 13 नये गतंव्य स्थापित किये जा रहे है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि रोजगार उपलब्ध कराने के लिए राज्य के 670 न्याय पंचायतों में ग्रोथ सेंटर खोले जायेंगे, जिसमें 15 सेन्टर रेडिमेट गारमेंट के शुरू किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि #Dehradun में पिरूल रिसर्च सेन्टर खोला जायेगा। जिसमें तारपीन का तेल निकाला जायेगा, इसकी सारी तैयारी कर ली गई है तथा 10 महीने के भीतर इस पर कार्य शुरू कर दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि LED बल्ब एवं लड़िया अधिक कीमतों पर बाजार से खरीदी जाती है। इसके लिए राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि न्याय पंचायतों में ग्रोथ सेन्टर खोले जायेंगे, जिसमें गांव की महिलाओं को पांच दिन का प्रशिक्षण देकर गांव की महिलायें वहीं पर LED बल्ब एवं लड़िया बनायेंगी। उन्होंने कहा कि गांव से पलायन रोकने के लिए गांव में ही रोजगार के साधन उपलब्ध हो इसके लिए सरकार प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में आंगनबाड़ी केन्द्र के कुपोषित बच्चों को ऊर्जा पोषाहार भी वितरित किये, साथ ही गंगा डेरी योजना के तहत पात्र किसानों को 40-40 हजार रूपये चेक भी वितरित किये। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग द्वारा तैयार की गई ‘‘कृषि रैबार’’ पत्रिका का भी विमोचन किया।

मिलिए उत्तराखंड PSC(UKPSC) के नये CHAIRMANJI से

मिलिए उत्तराखंड PSC(UKPSC) के नये CHAIRMANJI से
आशा है की मुख्यमंत्रीजी की बातों (गुज़ारिश) का ख़्याल रखेंगे
#UKPCS CHAIRMAN
मुख्यमंत्री श्री Trivendra Singh Rawat से मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल(से.नि.) आनंद सिंह रावत ने शिष्टाचार भेंट की तथा नववर्ष की बधाई दी। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष से आयोग के अधीन होने वाली चयन प्रक्रियाओं में तेजी लाए जाने की अपेक्षा की।
Image may contain: 2 people, people standing

model village in uttarakhand

Image may contain: text and outdoor

First ‘Blue Moon’ total eclipse in 150 years to occur soon

First ‘Blue Moon’ total eclipse in 150 years to occur soon
It may be difficult to witness the rare phenomenon in India
A rare total lunar eclipse that involves the second full moon of the month — popularly referred to as a Blue Moon — is set to take place on January 31 for the first time in over 150 years.
This will be the first eclipse of 2018. For some parts of Asia, including India, the eclipse will already be under way as the moon rises.
Central and eastern Asia, Indonesia, New Zealand and most of Australia will get a fine view of the Blue Moon.
Alaska, Hawaii and northwestern Canada will see the eclipse from start to finish. Moonset will intervene for the rest of North and Central America.
The duration of the total phase is 77 minutes, with the moon tracking through the southern part of the Earth’s shadow.
After this year, the next time that a Blue Moon passes through Earth’s umbra will be on December 31, 2028, and, after that, on January 31, 2037. Both of these eclipses will be total. There was a partial eclipse of a Blue Moon on December 31, 2009, but the last total eclipse of a Blue Moon is dated March 31, 1866.
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,What are asteroids and how are they grouped?
Any of the near-Earth asteroids can become potentially hazardous ones if their distance from the Earth is below 7.5 million km.
On January 3, at around 6 a.m. IST, an asteroid darted past Earth. It travelled at a distance of 1.8 million km and was placed under the ‘Potentially Hazardous Asteroids’ category.
Continue reading to know more about asteroids and how they are classified.
What are asteroids?
Asteroids are rocky bodies in space, and they mostly originate between the orbits of Mars and Jupiter. This region is also known as the asteroid belt.
The following are also called as asteroids, though NASA prefers to call these “minor planets”
Trojans: these are rocky bodies that have the same orbit as a planet. There are Jupiter, Mars and Neptune trojans. In 2011, Nature published the discovery of the first Earth trojan, 2010 TK7.
Centaurs: these are rocky bodies between Jupiter and Neptune.
Trans-Neptunian objects: those ones beyond Neptune's orbit.
What are asteroids composed of?
They could be composed of anything from clay and silicate rocks to metals. In fact, NASA classifies asteroids based on their composition. Here is the classification:
C-type (chondrite): such asteroids are made up of clay and silicate rocks
S-types (stony): these are composed of silicate materials and nickel-iron
M-types: such asteroids have a metallic composition
Why was today’s asteroid classified as ‘Potentially Hazardous’?
Any object that has its orbit near that of Earth is called as near-Earth asteroid.
The Near-Earth asteroids are further classified as:
Atiras: these are objects whose orbits are smaller than the Earth's orbit, and they are within the Earth’s orbit as well.
Atens and Apollos: these are Earth-crossers (they cross the Earth’s orbit) with orbits near the Earth's orbit.
Amors: these are asteroids with orbits outside the Earth’s but inside that of Mars’.
Potentially Hazardous Asteroids: Any of the near-Earth asteroids can become potentially hazardous ones if their distance from the Earth is below 0.5 astronomical units or 7.5 million km. 1 astronomical unit is equal to 150 million km-the distance between Earth and the sun.
“There are thousands of Potentially Hazardous Asteroids. There is no need to panic as there is only an extremely small chance that they can be influenced by the Earth's gravitation and we don't see any collision with earth taking place anywhere in the near-future,” says Dr. Debiprosad Duari, Director, M. P. Birla Planetarium, Kolkata.
If there are thousands of hazardous ones, when is the next one going to pass by?
On January 7, Sunday, at around 7.30 am IST, 2017 YJ7, an Aten asteroid, will pass by Earth at a distance of 4.8 million km.

dehradun is 6th most polluted city in india per cpcb

Image may contain: 4 people

,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,भारत सरकार के आर्थिक मामले एवं वित्त मंत्रालय और एशियाई विकास बैंक द्वारा #Uttarakhand को बेस्ट परफाॅर्मिंग प्रोजेक्ट अवार्ड प्रदान किया गया है। 10 विभिन्न संकेतकों में उत्तराखण्ड इमरजेंसी असिस्टेंस प्रोजेक्ट को अवार्ड दिया गया। देश की 84 परियोजनाओं में इस परियोजना का चयन किया गया। यह जानकारी मुख्य सचिव श्री Utpal Kumar Singh की अध्यक्षता में सचिवालय में आयोजित उत्तराखण्ड इमरजेंसी असिस्टेंस की उच्चाधिकार प्राप्त समिति की बैठक में दी गयी। मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि निर्माण कार्यों की थर्ड पार्टी मूल्यांकन कराया जाय। प्रस्तावित S.D.R.F. के भवन का निर्माण पर्वतीय स्थापत्य से कराया जाय। जिन विभागों की परिसंपत्तियों का सृजन हुआ है, उन्हें हस्तांतरित किया जाय। आगे से जो भी निर्माण कार्य हों, उनमे नई तकनीक का इस्तेमाल किया जाए।

''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''No automatic alt text available.


,,,,,,,,,,,,,,,,,,,तीन महीने के अंदर Centre for Good Governance का Concept Paper प्रस्तुत करें। Concept Paper(विचार पत्रक) बनाने के पहले विशेषज्ञों और प्रतिष्ठित संस्थाओं से विचार विमर्श करें। सुशासन केंद्र को और अधिक आधुनिक और बेहतर बनाना है। केंद्र को सुझाव देना है कि नए विचार और नए सफल प्रयोगों को राज्य सरकार लोगों की बेहतरी के लिए कैसे कर सकते हैं। मुख्य सचिव श्री Utpal Kumar Singh सचिवालय में Centre for Good Governance (C.G.G.) के Board of Governors की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
मुख्य सचिव ने कहा कि जन-कल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए केंद्र महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। खासतौर से महिला स्वास्थ्य, बच्चों के कुपोषण को दूर करने के उपाय, लिंग अनुपात और स्वच्छता के लिए जन जागरूकता, जल की स्वच्छता और उपलब्धता, मानव संसाधन प्रबंधन आदि क्षेत्रों में दूसरे राज्यों के सफल प्रयोग पर सुशासन केंद्र को गंभीरता के साथ कार्य करना है। इसके लिए प्रतिष्ठित संस्थानों का सहयोग लेना होगा। विषय विशेषज्ञों को केंद्र के साथ जोड़ना होगा।

water conservation in uk

HOW MUCH ISRO earn from satellite business

HOW MUCH ISRO earn from satellite business
Commercial Launching of Satellite
As on date, Antrix Corporation Limited (Antrix), the commercial arm of Indian Space Research Organisation (ISRO), has successfully launched 209 foreign satellites from 29 countries under a commercial arrangement.
The names of the countries whose satellites have been successfully launched include viz. Algeria, Argentina, Austria, Belgium, Canada, Chile, Czech Republic, Denmark, Finland, France, Germany, Italy, Indonesia, Israel, Japan, Kazakhstan, Latvia, Lithuania, Luxembourg, Netherlands, Norway, Republic of Korea, Singapore, Slovakia, Switzerland, Turkey, UAE, UK and USA.
During the last three years, starting from April 2014 till March 2017, Antrix has earned revenue of approx. 107 Million Euros and 4.5 Million USD in Foreign Exchange.
Year
Countries whose satellites were launched
Revenue earned by Antrix
2014-15
Canada, France, Germany, Singapore
18 M Euro
2015-16
Canada, Indonesia, Singapore, UK, USA
55 M Euro
2016-17
Algeria, Canada, Germany, Indonesia, Israel, The Netherlands, Kazakhstan, UAE, USA
34 M Euro and 4.5 M USD
Antrix Corporation Limited has enabled launches of satellites belonging to many companies of various countries under a commercial arrangement. Some of the companies with whom such commercial launch service arrangements were executed include viz. Airbus Defense & Space, France; Comdev Ltd, Canada; Space Flight Laboratories, Canada; Surrey Satellite Technology Limited (SSTL), UK; ST Electronics, Singapore; Innovative Space Logistics, The Netherlands; Planet Inc, USA; Tyvak Inc, USA and Spaceflight Industries, USA.

Featured post

UKPCS2012 FINAL RESULT SAMVEG IAS DEHRADUN

    Heartfelt congratulations to all my dear student .this was outstanding performance .this was possible due to ...