15 January 2018

uttarakhand special

गणतंत्र दिवस परेड, 2018 राजपथ #NewDelhi में #Uttarakhand राज्य की झांकी ‘ग्रामीण पर्यटन' (Village Tourism) को रक्षा मंत्रालय द्वारा नई दिल्ली में आयोजित बैठक में अंतिम रूप से चयनित कर लिया गया है। यह जानकारी देते हुए महानिदेशक सूचना डाॅ० पंकज कुमार पाण्डेय ने बताया है कि रक्षा मंत्रालय भारत सरकार के अधीन गठित विशेषज्ञ समिति के सम्मुख 29 राज्यों और 20 मंत्रालयों द्वारा अपने प्रस्ताव प्रेषित किये गये थे। जिसमें से अंतिम रूप से केवल 14 राज्य 07 मंत्रालयों की झांकियों का चयन किया गया है
..................डाॅ० पाण्डेय ने बताया कि राज्य गठन से लेेकर अभी तक उत्तराखण्ड द्वारा वर्ष 2003 में ‘फुलदेई‘, वर्ष 2005 में ‘नंदा राजजात', वर्ष 2006 में ‘फूलों की घाटी‘, वर्ष 2007 में ‘कार्बेट नेशनल पार्क', वर्ष 2009 में ‘साहसिक पर्यटन‘, वर्ष 2010 में ‘कुंभ मेला‘, वर्ष 2014 में ‘जड़ी-बूटी', वर्ष 2015 में ‘केदारनाथ‘ तथा वर्ष 2016 में ‘रम्माण‘ विषयों की झांकियों का प्रदर्शन राजपथ पर किया जा चुका है।
देवभूमि के नाम से विख्यात उत्तराखण्ड में प्रकृति और संस्कृति के मनमोहक नजारे बिखरे पड़े हैं। उत्तराखण्ड ग्रामीण पर्यटन के विकास की दृष्टि से अत्यंत संभावनाशील राज्य है। इस शांत व सुरम्य पर्वतीय अंचल के ग्रामीण क्षेत्रों में लोक-जीवन, कला-संस्कृति और विरासत के अद्भुत और अद्वितीय आयाम पर्यटकों को बरबस अपनी ओर आकर्षित करते हैं। शहरों की भीड़भाड़ से दूर उत्तराखण्ड की शांत वादियां, यहां साफ-सुथरी आबो-हवा, विविधतापूर्ण विरासत और अतिथि सत्कार की समृद्ध लोक परंपरा ग्रामीण पर्यटन के दृष्टिकोण से उत्तराखण्ड को आदर्श गंतव्य के रूप में स्थापित करती हैं। इससे जहाॅ स्थानीय समुदाय को आर्थिक व सामाजिक रूप से लाभ होता है, वहीं पर्यटकों को समृद्ध पर्यटन की अनूठी अनुभूति से साक्षात्कार का सुअवसर प्राप्त हो रहा है। पर्यावरण के प्रति संवेनदशील ग्रामीण पर्यटन के अंतर्गत सांस्कृतिक पर्यटन, प्राकृतिक पर्यटन और पारिस्थितकीय पर्यटन जैसे अनेकों आयामों को सम्मिलित करते हुए इसमें स्थानीय समुदाय की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है।
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,केंद्रीय मंत्री श्री गडकरी ने बताया कि #Auli को दावोस की भांति अंतर्राष्ट्रीय डेस्टिनेशन बनाने के लिए काम शुरु किया गया है। इसके लिए विश्व स्तरीय कंसल्टेंसी एजेंसी की सेवा भी ली गई है। कंसल्टेंसी एजेंसी द्वारा उत्तराखण्ड और हिमाचल में ऐसे 100 स्थल चिन्ह्ति किए गए हैं, जहां पर रोपवे ,केबल कार और फरनकुलर रेलवे जैसे वैकल्पिक परिवहन साधनों का उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री के साथ बैठक कर इन सभी स्थानों पर विस्तृत चर्चा करेंगे और शीघ्र ही एक ठोस कार्ययोजना बनाई जाएगी। श्री गडकरी ने यह भी कहा कि उत्तराखंड की बड़ी झीलों और नदियों के लिए सी-प्लेन पर भी विचार किया जा सकता है। यह परिवहन के एक वैकल्पिक साधन के साथ ही पर्यटकों के आकर्षण का एक प्रमुख जरिया भी बनेगा।

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