6 January 2018

first Rurban mission in uttarakhand (in dhanolity)

मुख्यमंत्री श्री Trivendra Singh Rawat एवं राज्य मंत्री जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय, भारत सरकार Dr. Satyapal Singh ने ऋषिकुल आॅडिटोरियम, #Haridwar में 918.94 करोड़ रूपये की 34 योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण किया। जिसमें 906.11 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास एवं 12.83 करोड़ के लागत की योजनाओं का लोकार्पण शामिल है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि गंगा की निर्मलता एवं अविरलता के लिए प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi ने जो भगीरथ प्रयास किये हैं, उनके इन प्रयासों को सार्थक करने के लिए सबका सहयोग जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमें प्रयास करने होंगे कि हिमालय से निकलने वाले 26 हजार जल स्रोतों की निर्मलता बनी रहे। उन्होंने कहा औद्योगिक संस्थानों, गंगा के तट पर बसे गांवों के कूड़े-कचरे, कृषि में प्रयुक्त हो रहे केमिकल्स एवं कपड़ों के प्रयोग से #Ganga अधिक प्रदूषित हो रही है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि गोमुख से गंगा सागर तक गंगा के 2500 किमी के प्रवाह को अविरल एवं निर्मल बनाये रखने के लिए समाज के प्रत्येक वर्ग को आगे आना होगा और नमामि गंगे योजना को सफल बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देना होगा। उन्होंने कहा कि गंगा की स्वच्छता के लिए चिन्तन करने की जरूरत है, विचारधारा को परिवर्तित करने की जरूरत है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि गंगा की निर्मलता के लिए देश में #NamamiGange के तहत अनेक सेमिनार एवं संगोष्ठियां आयोजित की गई, जिसमें लोगों के अनेक सुझाव प्राप्त हुए। सुझावों में अस्थि विसर्जन कर गंगा में प्रवाहित करने के बजाय अस्थियों को किसी एक स्थान पर स्थापित कर उसके ऊपर वृक्ष लगाकर उसमें गंगा का जल प्रवाहित करने जैसे महत्वपूर्ण सुझाव भी मिले। जो पौधा अपने पूर्वजों के नाम से रोपा जायेगा उनमें पूर्वजों की छाया देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे योजना शत प्रतिशत केन्द्र पोषित योजना है। यदि समाज का प्रत्येक व्यक्ति गंगा की स्वच्छता में अपना योगदान दे तो गंगा जल्द ही अपने पुराने अविरल एवं निर्मल स्वरूप में आ जायेगी।
राज्य मंत्री जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय, भारत सरकार डाॅ० सत्यपाल सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने शपथ लेते ही गंगा के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए नवीन गंगा मंत्रालय की घोषणा की। उन्होंने कहा कि गंगा ने अनेक सभ्यताओं एवं संस्कृतियों को जन्म दिया। गंगा की स्वच्छता एवं निर्मलता बनाए रखने के लिए केन्द्र सरकार से धन की कभी कोई कमी नहीं होने दी जायेगी। गंगोत्री से गंगा सागर तक गंगा को पवित्र बनाने के लिए सबको संकल्प लेना होगा। डाॅ० सत्यपाल ने कहा कि गंगा की स्वच्छता के अभियान में सभी को जोड़ना जरूरी है। गंगा स्वच्छता अभियान के लिए एक-एक दिन, एक-एक घण्टा जरूरी है। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण देश में नमामि गंगे के लिए सबसे पहले #Uttarakhand को चुना गया है, जहां सर्वाधिक परियोजनाएं शुरू की गई हैं। उत्तराखण्ड की ये परियोजनाएं सम्पूर्ण भारत को बड़ा संदेश देगी। उन्होंने कहा कि नमामि गंगे के कार्यों की पेयजल मंत्री के स्तर पर प्रत्येक सप्ताह एवं अधिकारियों के स्तर पर प्रत्येक दिन की समीक्षा करना जरूरी है।

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धनोल्टी के 10 ग्राम पंचायतों के 13 गांवों के क्लस्टर का खासतौर पर विकास किया जायेगा। सभी गांवों में बुनियादी सुविधाओं के साथ थीम के आधार पर (गांव की विशेष पहचान) विकास किया जायेगा। पर्यटन के लिहाज से ये गांव माॅडल बनेंगे। मुख्य सचिव श्री Utpal Kumar Singh सचिवालय में नेशनल ररबन मिशन के बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। कहा कि क्लस्टर का विकास इस अनूठे ढंग से किया जाय कि पर्यटक आकर्षित हों। गांव के लोगों की आमदनी बढ़े।
बैठक में बताया गया कि इन गांवों में कौशल विकास, सड़क, सम्पर्क मार्ग, गैस कनेक्शन, साॅलिड वेस्ट मैनेजमेंट, स्वास्थ्य सुविधा, स्कूलों का अपग्रेडेशन, स्वच्छता, कृषि, प्रसंस्करण सहित अन्य बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जायेंगी। एग्रो टूरिज्म के रूप में इन गांवों का विकास किया जायेगा। इसके लिए गांवों का डोर टू डोर सर्वेक्षण कर लिया गया है। योजना के अनुसार गांव के लोगों को हाॅस्पिटलिटी, योगा, पंचकर्मा की ट्रेनिंग दी जायेगी। स्थानीय संस्कृति, संगीत, व्यंजन, वेशभूषा के अनुरूप होम स्टे विकसित किया जायेगा। सभी गांवों में वाईफाई होगा। गांव वालों को डिजिटल लिटरेट किया जायेगा। गांवों की थीम संगीत, वाद्य यंत्र, एग्रो टूरिज्म, योग, एंडवेचर, आभूषण एवं कला, हिमालयी पक्षी, जड़ी-बूटी, मसाले, फल और फल पट्टी, फूल, पशु आदि पर होगी। बताया गया कि नेशनल ररबन मिशन के तहत भारत सरकार 90:10 के अनुपात में क्रिटिकल गैप फंडिंग करेगा। इसके लिए 66 करोड़ रूपये की योजना बनाई गई है।

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