NEW WORK STARTED BY GOVT
#CURRENT AFFAIRS
#CURRENT AFFAIRS
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश में कृषि एवं ग्राम्य विकास के लिये किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से कृषकों को 02 प्रतिशत ब्याज पर एक लाख रूपये तक का ऋण उपलब्ध कराने हेतु "दीन दयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना" शुरू की गई है। अब तक लगभग एक लाख किसानों को सस्ता ऋण उपलब्ध कराया जा चुका है। प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये भी प्रभावी प्रयास किये जा रहे है। 13 जिलों में 13 नये पर्यटन गंतव्य बनाये जा रहे है। वर्ष 2017 में लगभग 22 लाख से अधिक पर्यटक चारधाम यात्रा में आये। प्रदेश में अधिक से अधिक पर्यटक आये इसके लिये केदारनाथ व बदरीनाथ के सौन्दर्यीकरण पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कोटद्वार में, कोटद्वार इको टूरिज्म सर्किट विकास एवं सफारी वाहनों का संचालन शुरू किया गया है। ऊर्जा के क्षेत्र में उत्तराखण्ड की लंबित 33 जल विद्युत परियोजनाओं के संचालन में केन्द्रीय ऊर्जा और जल संसाधन मंत्री द्वारा सकारात्मक सहयोग दिया जा रहा है। राज्य में 25000 मेगावाट विद्युत उत्सर्जन क्षमता है, किन्तु अभी हम 4000 मेगावाट का ही उत्पादन कर पा रहे है। उत्तराखण्ड को ऊर्जा प्रदेश बनाने के लिये हमारे प्रयास जारी है। L.E.D बल्बों का सभी सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालयों में उपयोग अनिवार्य किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रभावी पहल करते हुए राज्य के दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में "ई-हैल्थ सेंटर" की शुरूआत के लिये राज्य सरकार द्वारा देश की प्रमुख I.T. Company के साथ MOU किया गया। राज्य के 35 अस्पतालों में टेली रेडियोलाॅजी एवं टेली मेडिसिन योजना प्रारम्भ की गई है। सभी जिला चिकित्सालयों मे न्यूनतम 2 बैड के I.C.U. की स्थापना का निर्णय लिया गया है। बड़ी संख्या में डाक्टरों व नर्सों की तैनाती पर्वतीय क्षेत्रों में की जा रही है। जल संरक्षण के लिये देहरादून में रिस्पना नदी व अल्मोड़ा में कोसी नदी के पुनर्जीवीकरण हेतु अभियान प्रारंभ किया गया है। आगामी 5 वर्षों में हमने 5 हजार प्राकृतिक जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने का लक्ष्य रखा है। रिस्पना के पुनर्जीवीकरण के लिए एक दिन में उद्गम से संगम तक वृक्षारोपण और साफ-सफाई अभियान का भी हमारा लक्ष्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कौशल विकास के क्षेत्र में आगामी तीन वर्षों में एक लाख से अधिक युवाओं को स्किल्ड बनाने की दिशा में हमने कदम बढ़ाये हैं। इसके लिये 02 आवासीय कौशल विकास केन्द्र स्थापित किये जा रहे है। उद्योगों की आवश्यकता के अनुसार आई०टी०आई० और पाॅलिटेक्निक में नये ट्रेड का प्रशिक्षण एवं राज्य कौशल योजना को पुनर्गठित कर, पण्डित दीन दयाल उपाध्याय राज्य कौशल योजना प्रारम्भ करने का निर्णय लिया गया है। राज्य में साॅफ्टवेयर टैक्नोलाॅजी पार्क आॅफ इण्डिया(STPI) की स्थापना के साथ ही प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत स्टेट कम्पोनेंट में देश का प्रथम प्रशिक्षण केन्द्र उत्तराखण्ड में शुरू हो गया है। राज्य में Central Insititute of Plastic Engg. & Tech. (सीपैट) तथा नेशनल फैशन टेक्नोलाॅजी संस्थान, के लिये भवन एवं भूमि चिन्हित कर अगले वर्ष से कक्षाओं की शुरूआत करने की योजना गतिमान है। उच्च शिक्षा के लिये #Haridwar में (NIELIT) नेशनल इन्स्टीटयूट आॅफ इलेक्ट्रोनिक्स एण्ड एनफाॅरमेशन सेन्टर, अल्मोड़ा में एन.आई.ई.एल.आई.टी. का सब सेन्टर तथा उत्तराखण्ड में हाॅस्पिटेलिटी यूनिवर्सिटी भी स्थापित की जा रही है। इसके अतिरिक्त सेन्ट्रल इंस्टीटयूट प्लास्टिक इंजीनियरिंग एण्ड टैक्नोलाॅजी(सीपैट) की भी प्रदेश में स्थापना की जा रही है।
सड़क एवं रेल परिवहन की मजबूती के साथ ही गढ़वाल एवं कुमाॅऊ को जोड़ने वाला कण्डी मार्ग का निर्माण सरकार की प्राथमिकता हैं। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल मार्ग, देवबन्द-रूड़की रेल मार्ग का निर्माण राज्य के विकास में और अधिक गति प्रदान करेगा। चारधाम आल वेदर रोड का कार्य प्रगति पर है, शहरी विकास के अन्तर्गत देहरादून को स्मार्ट सिटी एवं माॅडल सिटी बनाने की दिशा में कार्य आरम्भ किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में खुले में शौचमुक्त करने में उत्तराखण्ड देश का चौथा राज्य बन गया है। 2018 तक 92 शहरी निकायों को #ODF का हमारा लक्ष्य है। मार्च 2018 तक प्रधानमंत्री आवास योजना के एक लाख लक्ष्य के अनुपात में आवास निर्माण योजना पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश को प्रगतिशील बनाने के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे है
अच्छी चीज़ों से सीखना चाहिए लेकिन बात तो तब बनेगी जब हम भी करके दिखाएँ
अहमदाबाद में मुख्यमंत्री श्री Trivendra Singh Rawat ने काकड़िया झील का निरीक्षण किया। उन्होंने झील परिसर में पर्यटन विकास सेे सम्बंधित योजनाओं एवं अन्य गतिविधियों का मुख्य सचिव एवं पर्यटन सचिव के साथ स्थलीय निरीक्षण भी किया। उन्होंने काकड़िया झील की तरह #Uttarakhand की झीलों में भी पर्यटन विकास की सम्भावनायें तलाशे जाने के लिये कार्ययोजना बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिये।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड में पर्यटन विकास की अपार संभावनाएं हैं। उत्तराखण्ड पर्यटन के लिए प्रसिद्ध है, पर्यटन को और अधिक बढ़ावा देने के लिए नए प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए सरकार की ग्रामीण पर्यटन व संस्कृति ग्राम जैसी योजना कारगर साबित हो सकती है, इसके माध्यम से पर्यटकों को उत्तराखण्ड की संस्कृति, सभ्यता और विशिष्टताओं के बारे में एक ही स्थान पर अधिक से अधिक जानकारी उपलब्ध हो सकेगी।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि काकड़िया गुजरात की सबसे बड़ी झील है जो 3 किलोमीटर की परिधि में फैली है। काकड़िया झील अहमदाबाद में काफी लोकप्रिय है तथा पर्यटकों के आकर्षण का भी केन्द्र है। इस झील में वर्तमान में, पर्यटकों के लिए एक एक्टीविटी सेंटर के तौर पर स्थापित किया गया है जहां कई प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध है। यहां बाल वाटिका है जो विशेष तौर पर बच्चों के लिए बनाई गई है। यहां एक बोट क्लब भी है जहां आकर पर्यटक, बोटिंग का लुफ्त भी उठा सकते है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने काकड़िया झील परिसर में प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi द्वारा स्थापित किड सिटी का भी अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि यहां पर बच्चों के कैरियर कौशल विकास की भी व्यवस्था बनाई गई है। बच्चे भविष्य में क्या बनना चाहेंगे, क्या कैरियर अपनाना चाहेंगे, इसकी भी तालीम की व्यवस्था है, इसके लिये यहां पर सम्बंधित विषयों के जानकार उपलब्ध रह कर बच्चों को उनके कैरियर चुनाव में मदद करते है, तथा उनकी जिज्ञासाओं का भी समाधान करते हैं। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने साबरमती रिवर फ्रंट में आयोजित फ्लावर शो का भी अवलोकन किया, इस फ्लावर शो में गुजरात के साथ ही राजस्थान, मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र के नर्सरी उत्पादकों द्वारा प्रतिभाग किया गया। मुख्यमंत्री ने अपने भ्रमण के दौरान एशिया के सबसे बड़े रेपटाइल पार्क का भी अवलोकन किया तथा इसके रख रखाव आदि की जानकारी प्राप्त की।
झील के चारों ओर व आसपास स्थित टूरिस्ट स्पॉट के दर्शन कराने के लिए यहां अटल एक्सप्रेस नाम से टॉय ट्रेन भी संचालित की जाती है। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने इस अवसर पर इस टाॅय ट्रेन की सवारी भी की। मुख्यमंत्री श्री रावत ने कहा कि राज्य की झीलों आदि में इस प्रकार के प्रयोग बच्चों के लिये शिक्षाप्रद होने के साथ ही पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बन सकते है।
पर्यटकों को आकर्षित करने और यहां की संस्कृति के प्रचार प्रसार के लिए दिसंबर महीने के आखिरी सप्ताह में यहां काकड़िया कार्निवल मनाया जाता है। कार्निवल में कल्चरल, आर्ट और कई सोशल इवेंट्स होते हैं। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत इस कार्निवाल में भी सम्मिलित हुए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में टिहरी, नैनीताल, नानक सागर, कालागढ़ के साथ ही सूर्यधार झील परियोजना व सौंग बांध आदि का इसी लेक की तर्ज पर पर्यटन व अन्य गतिविधियों के लिये विकसित किया जा सकता है, इसके लिये विस्तृत कार्ययोजना तैयार करने के भी निर्देश उन्होंने दिये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड का नैसर्गिंक सौन्दर्य पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र रहा है। यहां की झीलों के साथ ही रमणीय बुग्यालों, ओली, मुनस्यारी के बर्फीले तल, चारधाम के अलावा अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों को भी देश व दुनिया के सामने लाने की जरूरत है। इस दिशा में यदि प्रभावी पहल की जाये तो उत्तराखण्ड पर्यटन प्रदेश बनने के साथ ही प्रदेश की आर्थिकी का भी मजबूत आधार बन सकता है। इसी दिशा में प्रदेश के 13 जनपदों में 13 नये गतंव्य स्थापित किये जा रहे है।
मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने कहा कि रोजगार उपलब्ध कराने के लिए राज्य के 670 न्याय पंचायतों में ग्रोथ सेंटर खोले जायेंगे, जिसमें 15 सेन्टर रेडिमेट गारमेंट के शुरू किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि #Dehradun में पिरूल रिसर्च सेन्टर खोला जायेगा। जिसमें तारपीन का तेल निकाला जायेगा, इसकी सारी तैयारी कर ली गई है तथा 10 महीने के भीतर इस पर कार्य शुरू कर दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि LED बल्ब एवं लड़िया अधिक कीमतों पर बाजार से खरीदी जाती है। इसके लिए राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि न्याय पंचायतों में ग्रोथ सेन्टर खोले जायेंगे, जिसमें गांव की महिलाओं को पांच दिन का प्रशिक्षण देकर गांव की महिलायें वहीं पर LED बल्ब एवं लड़िया बनायेंगी। उन्होंने कहा कि गांव से पलायन रोकने के लिए गांव में ही रोजगार के साधन उपलब्ध हो इसके लिए सरकार प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में आंगनबाड़ी केन्द्र के कुपोषित बच्चों को ऊर्जा पोषाहार भी वितरित किये, साथ ही गंगा डेरी योजना के तहत पात्र किसानों को 40-40 हजार रूपये चेक भी वितरित किये। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग द्वारा तैयार की गई ‘‘कृषि रैबार’’ पत्रिका का भी विमोचन किया।
No comments:
Post a Comment