27 February 2015

Less paper, please The real way to have security in ministries

The investigation into continues to expand, with two more individuals arrested in New Delhi on Thursday. According to the police, the two men were the assistant of a member of the and a private secretary to a high-ranking bureaucrat in the environment ministry. This follows the original operation, which made arrests of some individuals attempting to steal papers from the petroleum ministry. Others were subsequently arrested, including a former journalist who operates a website on oil industry facts and executives of well-known companies - Reliance Industries, Reliance ADAG, Essar, and Jubilant Energy. The companies themselves have not been named in the First Information Reports, and the police have not revealed any evidence of direct involvement of any corporate higher-ups in the wrongdoing for which the five executives have been arrested.

While it is welcome that the government is taking steps to check low-level espionage, and hopefully there will be enough evidence for successful prosecutions that will act as some sort of a deterrent, it is important to note certain caveats. First of all, such leaks of documents are neither new nor are they limited to particular ministries. Documents have been passed around wholesale since the 1980s at least. Governments have always found it difficult to check this process. While clearing up individual espionage rings is a valuable effort, it should not be seen as anything more than window-dressing unless substantive administrative reform accompanies it. The government is considering, for example, access-control mechanisms in departments and updated electronic surveillance. However, the fate of the closed-circuit television cameras in the petroleum ministry should serve as a warning. Those were introduced as the way to control petty theft of secrets; but in the attempt that was foiled, the cameras had been disabled. India simply does not run a high-security government - not because of a lack of hardware, but because it has the wrong processes in place. There is simply too much paper flying around with commercially valuable secrets, and too many people have access to it. There is no technological quick fix for this fact. However, there are other ways to address the problem.

For example, the first (ARC) in the mid-1960s had made a pertinent recommendation. Change from an "office"-based approach to decision-making, argued the ARC, to an "officer"-based approach. Files would be the property and responsibility of individual officers - the aim was to eliminate the "noting" system completely. The primary purpose of this was not to increase security, but to reduce paperwork and delays, and increase efficiency. However, security would be an important by-product. Those enclaves within the government where such a system works demonstrate this. Of course, there is the additional point that those ministries and departments that handle an excessive amount of commercially sensitive information will continue to be targeted for that reason. Naturally, the decrease of discretion in such matters will mean that there is less information that private companies will be willing to pay for - which will be good news all around, and put less pressure on the system. Overall, this investigation is good news; but the government, if it is really serious about security, should fix its processes. 

रेल बजट 2015-16 का सारांश



·        रेल यात्री किराए में कोई वृद्धि नहीं
·        योजना परिव्‍यय 1,00,011 करोड़ रुपए का प्रस्‍ताव, 52% की वृद्धि
·        यात्री सुविधाओं के लिए आवंटन में 67% की वृद्धि
·        रेलवे भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था का प्रमुख वाहक बनेगा, पंचवर्षीय कार्ययोजना का प्रस्‍ताव
·        रेल बजट में, उच्‍च निवेश के लिए संसाधन जुटाने पर जोर
·        ग्राहकों के अनुभव में स्‍थाई और मापन योग्‍य सुधार लाने तथा रेल को यात्रा का सुरक्षित साधन बनाने पर बल
·        पांच मिनट में रेलवे टिकटों के लिए हॉट बटन्‍स, क्‍वाइन वैंडिंग मशीनें, विभिन्‍न विकल्‍पों में से भोजन के चयन के लिए ई-कैटरिंग
·        आदर्श स्‍टेशन योजना के दायरे में 200 अतिरिक्‍त स्‍टेशन लाए जाएंगे, बी श्रेणी के स्‍टेशनों में वाई-फाई की सुविधा मुहैया कराई जाएगी
·        यात्रियों की समस्‍याओं और सुरक्षा से जुड़ी शिकायतें सुनने के लिए 24X7 हैल्‍पलाइन्‍स
·        महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए उपनगरीय गाडि़यों के डिब्‍बों में निगरानी कैमरे लगाए जाएंगे
·        चिन्हित रेलगाडि़यों में सामान्‍य श्रेणी के और भी डिब्‍बे जोड़े जाएंगे।
·        नौ रेल गलियारों की रफ्तार बढ़ाकर 160 और 200 किलोमीटर प्रतिघंटा की जाएगी
·        चुनिंदा मार्गों पर ट्रेन प्रॉटैक्‍शन वार्निंग सिस्‍टम और ट्रेन कॉलिजन एवॉयडेंस सिस्‍टम लगाया जाएगा
·        9,400 किलोमीटर के दो‍हरीकरण/तिहरीकरण /चौहरीकरण की 77 नई परियोजनाओं का प्रस्‍ताव
·        स्‍वच्‍छ रेल स्‍वच्‍छ भारत अभियान के अंतर्गत स्‍टेशनों और गाडि़यों को साफ रखने के लिए नया विभाग
संसद में आज प्रस्‍तुत किए गए रेल बजट में भारतीय रेलवे को एक बार फिर से भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था का प्रमुख वाहक बनाने के उपाए सुझाए गए हैं। इसमें उच्‍च निवेश, भारी बोझ वाले मार्गों पर भीड़-भाड़ में कमी लाने और रेलगाडि़यों और प्रोजैक्‍टस डिलीवरी की गति बढ़ाने,बेहतर  यात्री सुविधाओं और सुरक्षा तथा रेलवे को जनता के लिए यातायात का पसंदीदा माध्‍यम बनाने के लिए संसाधन जुटाने की बात कही गई है। रेलमंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने संसद में बजट प्रस्‍तुत करते हुए कहा कि सभी महत्‍वपूर्ण प्रस्‍तावित कदम मिशन मोड में संपन्‍न किए जाएंगे।
बजट प्रस्‍तावों में आगामी पांच वर्षों में भारतीय रेलवे के कायाकल्‍प के लिए चार लक्ष्‍य निर्धारित किए गए हैं, जो हैं : ग्राहकों के अनुभव में स्‍थाई और मापन योग्‍य सुधार लाना,  रेलवे को यात्रा का सुरक्षित साधन बनाना, भारतीय रेलों की क्षमता में पर्याप्‍त विस्‍तार करना और उसकी असंरचना को आधुनिक बनाना, अंतत: भारतीय रेलवे को आर्थिक दृष्टि से निर्भर बनाना। इन लक्ष्‍यों को प्राप्‍त करने के लिए बजट में पांच कारकों का सुझाव दिया गया है,जिनमें श्‍वेत पत्र, विजन-2030 दस्‍तावेज और पंचवर्षीय कार्ययोजना सहित मध्‍यावधि योजना अपनाने का प्रस्‍ताव शामिल है। दीर्घकालिक वित्‍त एवं विदेशों से प्रौद्योगिकी, संपर्क में सुधार लाने, चल स्‍टॉक में विस्‍तार और स्‍टेशन अवसंरचना के आधुनिकीकरण के लिए प्रमुख हित धारकों के साथ साझेदारी की जरूरत होगी। भारतीय रेलवे अतिरिक्‍त संसाधनों पर भी बल देगा, उसका अगले पांच वर्षों में 8.5 लाख करोड़ रुपए का निवेश करने का विचार है।
रेलवे द्वारा वर्ष 2015-16 के लिए 88.5% के परिचालन अनुपात का लक्ष्‍य प्राप्‍त करने के लिए,  प्रबंधन पद्धतियों, प्रणालियों, प्रक्रि‍याओं में सुधार किया जाएगा और मानव संसाधन को समर्थ बनाया जाएगा। निर्णय लेने की प्रक्रिया में तेजी लाना, जवाबदेही को सुदृढ़ बनाना,प्रबंधन सूचना प्रणाली में सुधार लाना कार्मिकों को प्रशिक्षण देकर और उनका विकास कर उनकी प्रतिभा को निखारना भी इन लक्ष्‍यों की प्राप्ति की कार्ययोजना का अंग होगा।
भारतीय रेलवे के माध्‍यम से यात्रा को सुखद अहसास बनाने के लिए बजट में साफ-सफाई पर बल दिया गया है और स्‍वच्‍छ रेल स्‍वच्‍छ भारत अभियान के अंतर्गत स्‍टेशनों और गाडि़यों की सफाई के लिए नया विभाग बनाने का प्रस्‍ताव किया गया है। 650 अतिरिक्‍त स्‍टेशनों पर नए शौचालय बनाए जाएंगे, डिस्‍पोजल बिस्‍तरों की ऑनलाइन बुकिंग उपलब्‍ध कराई जाएगी। बजट में 24X7 हैल्‍पलाईन नम्‍बर 138, सुरक्षा से जुड़ी शिकायतों के लिए निशुल्‍क नम्‍बर 182 का भी प्रस्‍ताव किया गया है।  
अनारक्षित श्रेणी में यात्रा करने के इच्छुक आम आदमी के सामने सबसे बड़ी समस्या टिकट खरीदने की होती है। अनारक्षित यात्रा करने वाला यात्री 5 मिनट के भीतर टिकट खरीद सके, यह सुनिश्चित करने के लिए ऑपरेशन फाइव मिनट शुरू किया जाएगा।
रेलवे पश्चिम रेलवे तथा दक्षिण रेलवे के उपनगरीय खंड़ों पर स्मार्ट फोनों पर अनारक्षित टिकट को जारी करने की एक पायलट परियोजना परले ही शुरू कर दी गई। उत्तरोत्तर इस सुविधा को सभी स्टेशनों पर उपलब्ध कराया जाएगा। बहुत से स्टेशनों पर स्मार्ट कार्ड करैंसी विकल्प वाली ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन भी लगाई गई है। इस सुविधा का और विस्तार करने तथा डेबिट कार्ड द्वारा परिचालित होने वाली मशीनों को शुरू करने का भी प्रस्ताव है। जम्मू-श्रीनगर मार्ग पर रेल-सह-सड़क टिकट की तर्ज पर और अधिक स्थानों पर एकीकृत टिकट प्रणाली लागू की जाएगी।
बहादुर सिपाहियों की यात्रा को सुगम बनाने के लिए के लिए वारंट को समाप्त करने के लिए रक्षा यात्रा प्रणाली विकसित की गई है। लगभग 2000 स्थानों में से 600 स्थानों पर इस सुविधा को चालू कर दिया गया है। इस सुविधा का और विस्तार किया जाएगा।
मूल्यवान ग्राहकों को अपना भोजन चुनने के लिए दिए गए विविध विकल्पों, जिसमें स्थानीय व्यंजन भी शामिल हैं, में से वे अपने पसंद का भोजन चुनने के ले इस वर्ष जनवरी से प्रायोगिक आधार पर 108 गाड़ियों में ई-केटरिंग शुरू की गई है। यात्री टिकट को बुक करते समय आईआरसीटीसी की वेबसाइट के माध्यम से अपने भोजन के ले ऑर्डर दे सकते हैं। देश की सर्वोत्तम फूड चेनों को इस परियोजना में जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। ग्राहकों की प्रतिक्रिया के आधार पर इस सुविधा को और अधिक गाड़ियों में लागू किया जाएगा। यात्रियों को अच्छी गुणवत्ता का भोजन प्रदान करने के लिए निर्दिष्ट मंडलों में बेस किचन स्थापित करने का भी प्रस्ताव है, जिन्हें अत्यंत विश्वसनीय एजेंसियों द्वारा चलाया जाएगा।
बहुत कम दाम पर यात्रियों को पीने के स्वच्छ पानी के लिए वाटर वेंडिंग मशीने और अधिक रेलवे स्टेशनों पर उपलब्ध करायी जाएंगी।
चल टिकट परीक्षकों को हैंड हेल्ड टर्मिनल उपलब्ध कराए जाएंगे जिनका उपयोग यात्रियों का सत्यापन और चार्टों को डाउनलोड करने के लिए किया जा सकेगा। इस प्रणाली से गमें पेपरलेस टिकटिंग और चार्टिंग की ओर अग्रसर होने और इससे पेपर के रिमों की बचत होने के अलावा रिफंड के दावों को अंतिम रूप देने में भी तेजी लाने में सहायता मिलेगी।
केंद्रीय रूप से नियंत्रिक रेलवे डिस्पले नेटवर्क को अगले दो वर्षों में 2000 से ज्यादा स्टेशनों पर लागू कर देने की संभावना है, जो गाड़ी के आगमन/प्रस्थान, आरक्षण, सामान्य तथा आपात संदेशों तथा नागरिकों की रूचि की किसी अन्य सूचना को भी मुहैया कराने में सहायता प्रदान करेगा।
यात्रियों को पहले ही प्रारंभिक अथवा गंतव्य स्टेशनों पर गाड़ियों के आगमन/प्रस्थान के अद्यतन समय की जानकारी देने के लिए एसएमएस अलर्ट सेवा शुरू करने का प्रस्ताव है। इसी प्रकार, गंतव्य स्टेशन पर गाड़ी के आगमन से 15/30 मिनट पहले एसएमएस अलर्टभेजा जाएगा।
महिला यात्रियों की सुरक्षा के ले पायलट आधार पर मेनलाइन के चुनिंदा सवारी डिब्बों और उपनगरीय गाड़ियों में महिलाओं के डिब्बों में निगरानी रखने के लिए कैमरा लगाए जाएंगे परंतु ऐसा करते समय उनकी प्राइवेसी का भी ख्याल रखा जाएगा।
दिल्ली मंडल चुनिंदा शताब्दी गाड़ियों में लाइसेंस शुल्क के आधार पर ऑनबोर्ड मनोरंजन की एक परियोजना की शुरूआत कर रहा है।
साधारण श्रेणी के सवारी डिब्बों में मोबाइल फोन को चार्ज करने की सुविधा प्रदान की जाएगी और स्लीपर श्रेणी के सवारी डिब्बों में चार्जिंग सुविधाओं की संख्या में वृद्धि की जाएगी।
आदर्श स्टेशनों स्कीम के अंतर्गत यात्री सुविधाओं को अपग्रेड करने के लिए 200 और स्टेशनों को शामिल करने का प्रस्ताव है।
स्टेशनों पर धीरे-धीरे स्वयं परिचालित किए जाने वाले लॉकर की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।  गाडियों में कंर्फम सीटों के लिए बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए सवारी डिब्बों की संख्या में वृद्धि करके अधिक सीटे उपलब्ध कराई जाएंगी। ऊपरी बर्थ चढ़ने के लिए असुविधाजनक के स्थान पर सुविधाजनक सीढियों की व्यवस्था की जाएगी। चल टिकट परीक्षकों को भी निचली बर्थ प्राप्त करने के लिए वरिष्ठ नागरिकों , गर्भवती महिलाओं और भिन्न रूप से सक्षम व्यक्तियों की मदद करने की हिदायत दी जाएगी। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों के लिए सवारी डिब्बे के मध्य भाग में सीटें आरक्षित की जाएगी।
भारतीय रेल अतुल्य भारत के लिए इस अतुल्य रेल प्रयास में अपना सहयोग प्रदान करेगी। ऑटोरिक्शा तथा टैक्सी चालकों को पर्यटन गाइडों के रूप में प्रशिक्षित करके कोंकण रेलवे में पर्यटन को प्रोत्साहन देने का एक सफल प्रयोग किया गया है क्योंकि सबसे पहले यही लोग यात्रियों के संपर्क में आते हैं।
राजस्व की भागीदारी मॉडल के आधार पर ट्रैवल एजेंसियों को प्रमुक स्थलों को जोड़ने वाली चुनिंदा गाड़ियों में कुछ सवारी डिब्बे देने की संभावना तलाशने का प्रस्ताव है।
ऊपरी सड़क पुल (आरओबी) और निचले सड़क पुल (आरयूबी) के  निर्माण कार्य की अत्‍यंत आवश्यकता को सुसाध्य बनाने को देखते हुए, ऑनलाइन ड्राइंग  प्रस्‍तुत  करने  और 60 दिन के  भीतर इनके  अनुमोदन के लिए उपयोगकर्ता अनुकूल एक वेब आधारत एप्लीकेशन शुरू किया गया है। इस संबंध में हस्‍ताक्षर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापन पर भी हस्‍ताक्षर किये गये है।  अगले वित्‍त वर्ष में 6581 करोड़ रुपये के कुल रेल खर्च की लागतपर आरओबी/आरयूबी के  970 निर्माण कार्य तथा 3438 समपारों को समाप्‍त करने के लिए संरक्षा संबंधी अन्‍य निर्माण कार्य स्‍वीकृत किये गये है। यह चालू वित्‍त वर्ष से 2600 प्रतिशत अधिक है और वर्तमान समय में सबसे अधिक है।

अभिनव प्रौद्योगिकी और विकास विनिर्माण संबंधी विजन का अनुसरण करते हुए भारतीय रेल बिजनेस ई-इंजीनियरिंग तथा नवीनता की भावन जगाने के उद्देश्य से कायाकल्प नाम से इनोवेशन काउंसिल स्थापित करेगा।

उच्‍चतम गुणवत्‍ता वाली सेवा के लिए विदेशी रेल प्रौद्योगिकी सहयोग योजना शुरू करने के प्रस्‍ताव की घोषणा की गई है।गति बढ़ाने और स्‍टेशन के पुनर्विकास जैसी गहनप्रौद्योगिकी और जटल परियोजनाओं के लिए प्रारंभिक कार्यों, प्रौद्योगिकी के विकल्‍प खोजने और बोली प्रक्रिया प्रबंधन के संदर्भ में विशेषज्ञता प्राप्‍त एजेंसी के सहयोग की आवश्‍यकता होती है। भारतीय रेल ने कई विदेशी रेलों और उनकी कंपनियों के साथ तकनीकी सहयोग के लिए विगत में समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर किए है।
       इस वर्ष जब दक्षिण अफ्रीका से महात्मा गांधी की भारत वापसी की 100वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। आईआरसीटीसी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए गांधी संर्किट को बढ़ावा देने का कार्य करेगी। नई खेली और विपणन तकनीक के बारे में किसानों की सहायता के लिए आईआरसीटीसी एक विशेष यात्रा योजना किसान यात्रा पर कार्य करेगी।
2015-16 में रेलवे की मंशा अधिक राजस्व प्राप्त करने और उपयुक्त निवेश सुनिश्चित करने की है जो प्रणाली के संकुलन को कम और लाइन क्षमता को बढ़ा सकता है। यात्री किराए से होने वाली आय में 16.7% की वृद्धि हुई है जिससे बजट में 50,175 करोड़ की आमदनी का लक्ष्य रखा गया है। अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण क्षेत्रविशेषकर जहां रेल गुणांक उच्च हैंमें सुदृढ़ विकास की प्रत्याशा में अधिकतम मांग को पूरा करने के लिए पूर्ण रेलवे संभाव्यता का उपयोग करते हुए मालयातायात को 85 मिलियन टन के अब तक के सर्वाधिक वर्तमान यातायात पर निर्धारित किया गया है।
माल ढुलाई से होने वाली आमदनी को 1,21,423 करोड़ रु. रखने का प्रस्ताव है जिसमें किरायादर को युक्तिसंगत बनानामदों का वर्गीकरण करना और दूरी का स्लैब निर्धारित करना शामिल है।अन्य कोचिंग और विविध आमदनियों के लिए 4,612 करोड़ और 7,318 करोड़ का अनुमान है। सकलयातायात प्राप्तियों के 1,83,578 करोड़ होने का अनुमान हैजो 15.3% की वृद्धि के बराबर है।साधारण संचालन व्यय में 2014-15 के  संशोधित अनुमान की तुलना में 9.6% की मामूली वृद्धि का प्रस्ताव है। कर्षण ईंधन खर्च जो 2013-14 में साधारण संचालन व्यय का 30% था जो 2014-15 केसंशोधित अनुमान में घटकर 27.4% हो गया है और 2015-16 के बजट अनुमान में साधारण संचालन व्यय के और कम होकर 25% होने की आशा है। ईंधन कुशलता मानदड के आधार पर इसमें सुधार करने का इरादा है। संरक्षा अनुरक्षण और साफ-सफाई के लिए उच्चतर प्रावधान किया गया है। पट्टा प्रभार, चालू एंव विगत में बाजार से लिए गए ऋण के ब्याज के लिए 21% की वृद्धि का प्रावधान करना होगा। इन अनुमानों सहित परिचालन अनुपात 88.5% है।

      पेंशन निधि में 35,260 करोड़ रु. के विनियोग का प्रस्ताव किया गया है और मूल्यह्रास आरक्षित निधि (मू..नि.) से 7,500 करोड़ रुकी योजना निवेश की आवश्यकताओं को पूरा करने केलिए इस निधि से 8,100 करोड़ रुका विनयोग रखा गया है। 6,293 करोड़ रु. की योजना आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इस निधि से आईआरएफसी को पट्टा प्रभारों के  मूल घटक के भुगतान औरआगामी वर्षों में ऋण दायिताओं को चुकाने के लिए इस निधि में पूंजी निधि से व्यवस्था करने के लिएभी 7,616 करोड़ रुके विनयोग करने का प्रस्ताव है।
योजना बजट के आकार में  52%  की वृद्धि  हुई है और यह 2014-15 के  65,798 करोड़ रुपयेसे  बढ़कर 2015-16   1,00,011 करोड़ रुपये हो गया है। केन्‍द्र सरकार से  कुल योजना बजट का41.6% और आंतरिक सृजन 17.8% की सहायता मिली है। रेलवे  बोर्ड  मे  एक वित्‍त व्‍यवस्‍था कक्ष की स्‍थापना करने का प्रस्‍ताव है, जिसके लिए इस क्षेत्र के विशेषज्ञों से परामर्श लिया जाएगा।

Railway Minister Spells Out Five Point Execution Strategy for Transforming Indian Railways


            The Minister of Railways Shri Suresh Prabhakar Prabhu while presenting the Railway Budget 2015-16 in Parliament today has said that the goals of transforming Indian Railways will be achieved with a five point execution strategy. These are:

a) Adopting a medium-term perspective:
Budget proposals to mark beginning of a Five Year Action Plan to transform the Railways.

PROPOSED INVESTMENT PLAN (2015-2019)
Item
Amount (Rs in crore)
Network Decongestion (including DFC, Electrification, Doubling including electrification and traffic facilities)
199320
Network Expansion (including electrification)

193000
National Projects (North Eastern & Kashmir connectivity projects)
39000
Safety (Track renewal, bridge works, ROB, RUB and Signalling & Telecom)
127000

Information Technology / Research

5000
Rolling Stock (Locomotives, coaches, wagons – production & maintenance)
102000
Passenger Amenities
12500
High Speed Rail & Elevated corridor
65000
Station redevelopment and logistic parks
100000
Others
13200
TOTAL
8,56,020

b) Building Partnerships:
This will require partnering with key stakeholders: States, PSU’s, partner with multilateral and bi-lateral organizations & other governments to gain access to long term financing and technology from overseas, the private sector to improve last mile connectivity, expand fleet of rolling stock and modernize our station infrastructure.


c) Leveraging additional resources:
Indian Railways envisages investment of Rs. 8.5 lakh crore in next five years to be mobilized from multiple sources to cater to funding i.e multilateral development banks, pension funds.

d) Revamping management practices, systems, processes, and re-tooling of human resources:
·        Targeted operating ratio for 2015-16 at 88.5% against 91.8%in 2014-15: best in the last 9 years.
·        Indian Railways to speed up decision making, tighten accountability, improve management information systems: training and development of human resource.

e) To set standards for Governance and Transparency

Featured post

UKPCS2012 FINAL RESULT SAMVEG IAS DEHRADUN

    Heartfelt congratulations to all my dear student .this was outstanding performance .this was possible due to ...