ख़्वाहिशों से नहीं गिरते महज़ फूल झोली में,
कर्म की शाख को हिलाना होगा
न होगा कुछ कोसने से अंधेरें को,
अपने हिस्से का दीया खुद ही जलाना होगा
कर्म की शाख को हिलाना होगा
न होगा कुछ कोसने से अंधेरें को,
अपने हिस्से का दीया खुद ही जलाना होगा
Read,Write & Revise.Minimum reading & maximum learning
Heartfelt congratulations to all my dear student .this was outstanding performance .this was possible due to ...
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