सभी को 2022 तक आवास उपलब्ध कराने के केंद्रीय शहरी और विकास मंत्रालय की योजना के मद्देनजर केन्द्र सरकार ने शहरी विकास मंत्रालय के सभी मंत्रियों और सचिवों की नई दिल्ली में दो दिवसीय बैठक बुलाई है। यह बैठक शहरी विकास मंत्रालय और आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्रालय के संयुक्त तत्वाधान में बुलाई जा रही है। बैठक का विषय है, ‘’शहरी सुशासन और सभी के लिए आवास : अवसर और चुनौतियां’’। इस दो दिवसीय बैठक की अध्यक्षता शहरी विकास और आवास एवं शहरी गरीबी उन्मूलन मंत्री श्री एम. वेंकैया नायडू करेंगे। सभी मंत्री और सचिव (आवास), केन्द्र और राज्य स्तर पर शहरी विकास, शहरी मामले और स्थानीय स्वायत्त सरकार जैसे मामलों पर 2 जुलाई से शुरू होने वाली बैठक में हिस्सा लेंगे। बैठक के पहले दिन प्रशासन सचिव, विशेषज्ञ एवं अन्य स्टेकधारक, जिसमें वित्तीय संस्थान भी शामिल हैं, इस बात पर चर्चा करेंगे कि शहरी इलाकों में विभिन्न परियोजनाओं को लागू करने में कौन-कौन सी दिक्कतें हैं। बैठक में इस बात पर भी चर्चा की जाएगी कि किस तरह इन चुनौतियों से निपटा जा सकता है।
वार्ता के ऐजेंडे में जवाहर लाल नेहरू शहरी नवीकरण मिशन के अन्तर्गत आवासों के निर्माण, राजीव आवास योजना के तहत भवन निर्माण में हुई प्रगति, आधारभूत संरचना, परिवहन, सोलिड वेस्ट का निपटान, पेयजल आपूर्ति, साफ-सफाई इत्यादि शामिल होंगे।
तीन जुलाई को मंत्रियों की होने वाली बैठक में उन मुद्दों पर चर्चा की जाएगी जो सचिवों की होने वाली कार्यशाला से निकलकर आएंगे। बैठक में अन्य सहभागी भी अपने विचारों रखेंगे। आवास उपलब्ध कराना आज एक प्रमुख चुनौती है। शहरी क्षेत्रों में 190 लाख आवासों की कमी का अनुमान लगाया गया है और 2022 में यह बढ़कर 300 मीलियन तक पहुंच जाने का अनुमान है। दो दिवसीय की यह बैठक प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के उस विजन का हिस्सा है, जिसमें बेहतर परिणाम के लिए राज्य और केंद्र सरकारों से मिलकर काम करने की बात कही गई है। चूंकि 50 प्रतिशत लोग अर्थात 875 मीलियन लोग निकट भविष्य में शहरों में रहेंगे, इसलिए शहरी सुशासन एक प्रमुख चुनौती के रूप में उभरी है। इन गंभीर चुनौतियों को अवसर में बदलने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर प्रयास करने होंगे।
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