4 August 2014

UPSC exam row: English marks not to be included for gradation, says Centre,यूपीएससी: मेरिट में नहीं जुड़ेंगे अंग्रेजी के मार्क्स


The Central government on Monday announced that English marks will not be included for gradation or merit in the Civil Services Aptitude Test (CSAT).
“Government is of the opinion that in the Civil Services Preliminary examination, Paper-II, the marks of the question section on ‘English Language comprehension skills’ should not be included for gradation or merit,” MoS Personnel Jitendra Singh said seeking to mollify the agitating candidates.
He added that civil service aspirants who appeared for the exam in 2011 will be allowed one more attempt in 2015.
Jitendra Singh on Sunday met Home Minister Rajnath Singh and BJP chief Amit Shah at Gujarat Bhavan to deliberate on the ongoing UPSC row.
Parliament has witnessed repeated uproar and several adjournments in the past few days over the issue. Immediately after the statement, B Mahtab (BJD) and Dharmendra Yadav (SP) stood up demanding clarification whether Civil Services Aptitude Test (CSAT) has been done away with.
However, the Minister stood up to say that he has said whatever he wanted to.
Earlier, opposition had demanded in the Rajya Sabha a definite time-frame from government to resolve the issue and served a privilege notice, forcing adjournment of the House.
Raising the issue during Zero Hour, Sharad Yadav (JD-U) accused the government of “going back on its promise” of resolving the issue expeditiously.
The students have been demanding that the pattern of CSAT be changed to give level-playing field to those coming from rural areas.
There are two compulsory papers of 200 marks each in the preliminary examination. These papers are also known as CSAT-I and CSAT-II.
The CSAT-II paper carries questions on comprehension, inter-personal skills including communication skills, logical reasoning and analytical ability, decision-making and problem-solving, general mental ability, basic numeracy, and English language comprehension skills (of Class X level).
Students have been objecting to the level of aptitude and English language questions being asked in the examination claiming they are much above the standard prescribed for the examination.
The civil services examination is conducted by the Union Public Service Commission (UPSC) in three stages–preliminary, main, and interview — to choose candidates for Indian Administrative Service (IAS), Indian Foreign Service (IFS) and Indian Police Service (IPS), among others.
यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में सी-सैट और प्रश्नपत्रों के अनुवाद को लेकर जारी गतिरोध के बीच सरकार ने संसद में ऐलान किया है कि ग्रेडिंग या मेरिट में अंग्रेजी के अंक को शामिल नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही कार्मिक राज्यमंत्री ने लोकसभा में दिए बयान में कहा कि सीसैट खत्म नहीं होगा और लेकिन 2011 में सिविल सेवा परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों को एक मौका और दिया जाएगा। हालांकि, छात्र इससे संतुष्ट नहीं है और वह कह रहे हैं कि इससे सिर्फ प्रारंभिक परीक्षा में राहत मिलेगी।

हिन्दी भाषी छात्रों को राहत देते हुए सरकार ने ऐलान किया कि सी-सैट में जो 20 मार्क्स के अंग्रेजी के सवाल होते हैं उसके नंबर मेरिट में नहीं जुड़ेंगे। जितेंद्र सिंह ने कहा कि छात्रों के व्यापक हित को देखते हुए सरकार का मत है कि सिविल सेवा परीक्षा की प्रारंभिक परीक्षा के प्रश्न पत्र में अंग्रेजी सेक्शन के अंक मेरिट में नहीं जुड़ेंगे। यानी अब प्रारंभिक परीक्षा में 400 के बजाय 380 अंकों के अाधर पर मेरिट लिस्ट तैयार होगी। अभी इस फैसले पर यूपीएससी की औपचारिक सहमति नहीं आई है। इस मामले में कार्मिक विभाग के सचिव अरविंद वर्मा की अध्यक्षता में बनाई गई तीन सदस्यों की कमिटी ने पिछले सप्ताह सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी। इसमें सिविल सेवा परीक्षा के पैटर्न में बदलाव से बचने की सिफारिश की गई थी। कमिटी सी-सैट समेत सभी पेपरों के हिन्दी अनुवाद की गुणवत्ता में सुधार के अलावा किसी भी तरह के बदलाव के खिलाफ है।

इससे पहले आज यूपीएससी परीक्षा को लेकर जारी विवाद पर सोमवार को एक बार फिर राज्यसभा में हंगामा हुआ, जिसके कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई। राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होने पर प्रश्नकाल के दौरान श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता पर अपमानजनक आलेख के कारण हंगामा हुआ। हालांकि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के इस आश्वासन के बाद यह मुद्दा शांत हो गया कि श्रीलंका के उच्चायुक्त को सम्मन भेजा जाएगा।

इसके बाद विपक्षी दलों के सदस्यों ने यूपीएससी की परीक्षाओं में भाषा के आधार पर भेदभाव का मुद्दा उठाया। केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने हालांकि सदन को आश्वस्त किया कि इस मुद्दे का समाधान जल्द ही निकाल लिया जाएगा। उन्होंने कहा, 'समस्या का समाधान उससे भी कम समय में ढूंढ लिया जाएगा, जितने की उम्मीद की जा रही है।'

मंत्री के इस बयान से हालांकि विपक्षी दल कांग्रेस, जनता दल (युनाइटेड), समाजवादी पार्टी (सपा) तथा अन्य दलों के सदस्य संतुष्ट नहीं हुए और वे सभापति के आसन के समक्ष पहुंचकर हंगामा करने लगे, जिसके बाद उप सभापति पी. जे. कुरियन ने सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी थी। 

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